एक कदम सत्य की और -:
इस भौतिक जगत में विषय भोगो के कारण सबके जीवन में अशांति का वातावरण हे ,
क्या धनि क्या निर्धन सभी अशांत एवं दुखी हे | यह अशांति किसी संसांरिक साधनो से दूर नहीं हो सकती ,
क्योकि ज्ञान के आभाव में जीव मोह और माया के आधीन हे | जब तक जीव् को शुद्ध ज्ञान प्राप्त नहीं होगा तबतक जीव ऐसे ही जीवन को नष्ट करता रहेगा |
आत्मा के ज्ञान को प्रदान करने वाले गुरु का स्थान संसार में सर्वोपरि है |
गुरु ज्ञान दीक्षा से जीवन सफल होता हे ,भक्ति काल में प्रकट हुए सतगुरु कबीर साहिब जी ने अपनी साखियो
वाणियो और सेहज भाव से जीव को चेताया ताकि जीव समज सके इस अनमोल जीवन का रहस्य और
पार हो सके भवसागर से |
साखी -:
गुरु को कीजे दण्डवत ,कोटि कोटि परनाम |
कीट न जाने भृंग को,गुरु कर ले आप समान |
गुरु गोविन्द करि जानिए , रहिय शब्द समाय |
मिले तो दंडवत बंदगी ,नहीं पल पल ध्यान लगाय |
साहिब कबीर जी ने सतगुरु की इतनी बड़ी महिमा का बखान किया तीनो लोको में
गुरु को समान कोई नहीं | क्योकी सतगुर ही इस काल के लोक से पार ले जा सकते बशर्ते जीव सतगुरु
के बताय मार्ग पर नियम से चलता रहे |
सत साहिब जी
इस भौतिक जगत में विषय भोगो के कारण सबके जीवन में अशांति का वातावरण हे ,
क्या धनि क्या निर्धन सभी अशांत एवं दुखी हे | यह अशांति किसी संसांरिक साधनो से दूर नहीं हो सकती ,
क्योकि ज्ञान के आभाव में जीव मोह और माया के आधीन हे | जब तक जीव् को शुद्ध ज्ञान प्राप्त नहीं होगा तबतक जीव ऐसे ही जीवन को नष्ट करता रहेगा |
आत्मा के ज्ञान को प्रदान करने वाले गुरु का स्थान संसार में सर्वोपरि है |
गुरु ज्ञान दीक्षा से जीवन सफल होता हे ,भक्ति काल में प्रकट हुए सतगुरु कबीर साहिब जी ने अपनी साखियो
वाणियो और सेहज भाव से जीव को चेताया ताकि जीव समज सके इस अनमोल जीवन का रहस्य और
पार हो सके भवसागर से |
गुरु को कीजे दण्डवत ,कोटि कोटि परनाम |
कीट न जाने भृंग को,गुरु कर ले आप समान |
गुरु गोविन्द करि जानिए , रहिय शब्द समाय |
मिले तो दंडवत बंदगी ,नहीं पल पल ध्यान लगाय |
साहिब कबीर जी ने सतगुरु की इतनी बड़ी महिमा का बखान किया तीनो लोको में
गुरु को समान कोई नहीं | क्योकी सतगुर ही इस काल के लोक से पार ले जा सकते बशर्ते जीव सतगुरु
के बताय मार्ग पर नियम से चलता रहे |
सत साहिब जी
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